Priyanka Verma

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता - चक्रव्यूह

चक्रव्यूह...


चक्रव्यूह कुछ रचा गया इस कदर,
बेमौत, बेचारा अभिमन्यु मारा गया,
उसे मारने वाले उसके अपने ही थे,
कोई चाचा, कोई भाई, कोई पितामह,
वो बेचारा इस समाज से ना जीत सका।
रोती हुई द्रौपदी के आत्मसम्मान को चोट लगी,
पर, महाभारत होने का इल्जाम उसपर ही लगा
कोई न आया उसे बचाने आगे,
ये नकारा समाज देखता रह गया।
सदियों से चलता ये विचारों का धर्मयुद्ध,
कृष्ण के गीता ज्ञान के बाद भी,
आज तक ना थम सका।।


प्रियंका वर्मा।।
10/10/22

   13
6 Comments

Suryansh

13-Oct-2022 05:24 PM

बहुत ही सुंदर कविता,,, गहरे भाव लिए हुए कविता,, outstanding

Reply

Ilyana

11-Oct-2022 06:53 PM

Bahut khub

Reply

Sachin dev

11-Oct-2022 03:51 PM

Nice 👌

Reply